गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है??

भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और इसी उपलक्ष में हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार भी मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है और इस साल यह 22 अगस्त को पड़ रहा है।
गणेश चतुर्थी त्योहार में क्या-क्या होता है ??
चतुर्थी से आरंभ होकर यह उत्सव 10 दिन तक चलता है। चतुर्थी तिथि के दिन लोग अपनी-अपनी आस्था और क्षमता के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति को अपने अपने घर में स्थापित करते हैं
और 10 दिन तक भगवान गणेश की काफी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं। 10 दिन तक चलने वाला गणेश चतुर्थी का यह त्यौहार अनंत चतुर्दशी के दिन खत्म होता है जब लोग घर लाए भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित कर देते हैं।
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जो भी लोग गणेश चतुर्थी के त्योहार में भगवान गणेश की मूर्ति को घर में स्थापित करते हैं और सच्चे मन के साथ उनकी पूजा अर्चना करते हैं उनके घरों में गणपति बप्पा की विशेष कृपा होती है और उनके घरों में आने वाले संकट को गणपति बप्पा अपने ऊपर ले लेते हैं।
वैसे तो गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत देश में काफी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इसकी कुछ ज्यादा ही मान्यता है और महाराष्ट्र राज्य में इसे सबसे ज्यादा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल कोरोनावायरस संक्रमण के चलते सारे त्योहारों के रंग काफी फीके पड़ चुके हैं और गणेश चतुर्थी का त्योहार भी काफी हद तक इससे प्रभावित होगा।
गणेश चतुर्थी के लिए शुभ मुहूर्त :
चतुर्थी तिथि 21 अगस्त को रात 11:02 से लग जाएगी और 22 अगस्त को शाम 7:57 तक रहेगी। माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म दोपहर के समय हुआ था इसलिए दोपहर के समय ही पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। पूजा के लिए शुभ समय सुबह 11:06 से लेकर 1:02 के बीच है। इस बीच आप गणपति बप्पा की मूर्ति अपने घर में स्थापित करके उनकी पूजा सच्चे मन के साथ कीजिए।
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गणेश चतुर्थी में किन बातों का ध्यान रखें ?

- भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हुए लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मूर्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना मंत्रों के उच्चारण के साथ करनी चाहिए और उसके बाद भगवान गणेश को धूप, दीप,वस्त्र, फूल, फल, मोदक आदि अर्पित किए जाते हैं और फिर भगवान गणेश की आरती उतारी जाती है।
- भगवान गणेश को मोदक और दूर्वा काफी पसंद है इसलिए भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना की जगह पर मोदक और दूर्वा का चढ़ावा भी चढ़ाना चाहिए।